नाट्य क्रम: श्लोक और उसका अर्थ | Natya Kramaha: Shloka and Meaning | कथक के प्रारंभिक स्तर केलिए
गुरु पाली चन्द्रा हमें नाट्य क्रम: श्लोक का मतलब और उसमें प्रयोग किये जाने वाले मुद्राओं के बारे में जानकारी दे रहे है ।
यदो हस्त ततो दृष्टि
यदो दृष्टि ततो मन:
यदो मन: ततो भाव
यदो भाव ततो रस
हर नृत्यांगना को इस श्लोक में छुपे हुए मतलब और गहरी सोच को अपने दर्शकों तक पहुंचाना, ले जाना और संझाना एक बडा कदम और काम होता है । इसी श्लोक के द्वारा रस की प्राप्ति का पहला कदम उठाया जा सकता है ।
व्याप्ति हस्तक उसकी महत्वपूर्णता व्याख्यान और कथक में इस्तमाल प्रारंभिक पाठ्यक्रम के लिए ।
उत्पति हस्तक उसका व्याख्यान और उसकी महत्वपूर्णताकथक के प्रारंभिक पाठ्यों के लिए ।
पड़हन्त के परिभाषा और उसे लिखने का अंदाज़ | Padhant
रंगमंच का टुकड़ा - परिभाषा और नोटेशन | Rangmanch Ka Tukra Definition and notation
पड़हन्त पैरों का संचालन, कथक प्रारंभिक स्तर के लिए