नमन हस्तक व्याख्यान और महत्वपूर्णता कथक के प्रारंभिक पाठों के लिए ।
नमन वो हस्तक मुद्रा है जिसमें आप अपने सामने लोगों का विनम्रतापूर्ण नमन या आदर करते है । शब्द नमन अपने आप में ही विनम्रता का पर्यायवाची है । नमन हस्तमुद्रा में खडे होकर प्रस्तुत सभी लोगों का आदर सत्कार करने की परंपरा आरंभ होती है । गुरु पाली चन्द्रा का कहना है की विनम्रता से नमन करते हुए अपने नृत्य का आकार रखना ही एक अच्छे कलाकार की सबसे पहली निशानी है ।
दुगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल
कथक नमस्कार से शुरुवात का सही ढंग के बारे में गुरु पाली चन्द्रा
आम व्यायाम रियाज़ करने से पहले और रियाज़ खत्म करने के बाद
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं - शोलक और उसके मायने | Omkaram Bindu Samyuktam Sloka Meaning
गुरु वंदना व्याख्यान क्रम से (पाठ २) | कथक में गुरु वंदना श्लोक का विस्तृत विवरण |