नाट्य क्रम: व्याख्यान - नाट्य शास्त्र का एक श्लोक - यदो हस्त ततो दृष्टि । Natya Kramaha Explanation
देखिए किस प्रकार गुरु पाली चन्द्रा नाट्य क्रम: का महत्व और उसका मतलब हमें संझाती॓ं है । गुरु का कहना है कि नाट्य क्रम: के द्वारा हम अपनी पांचों इन्द्रियों को अपने नियन्त्रण में करके और अपनी कला को और खुबसूरत बना सकता है । इस श्लोक का सही मतलब समझना और उसे सही मुद्राओं और हस्तकों से प्रस्तुत करना अत्यन्द आवश्यक है । नाट्य क्रम: हमारी कलात्मक ज़िन्दगी के लिए पहला और बहुत महत्वपूर्ण कदम है ।
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल - एगुन का व्याख्यान और उसका प्रदर्शन
आलिंगन की आमद व्याख्यान और प्रदर्शन | Aalingan Ki Amad Explanation and Demonstration
चाल का प्रदर्शन - संगीत के साथ |
ऊर्द्वा, मध्य और तल हस्त चक्र के व्याख्यान, उसकी महत्वपूर्णता और करने का तरीका | Urdhva Hasta Chakra, Madhya Hasta Chakra and Tala Hasta Chakra Hastaks
गुरु वंदना व्याख्यान क्रम से (पाठ १) | कथक में गुरु वंदना श्लोक का विस्तृत विवरण|