कथक की शुरुवात शरीर के व्यायाम से करना आवश्यक है । वार्म अप और कूल डाउन के महत्व को समझना अनिवार्य है ।
यदि शरीर व्यायाम के लिए तैयार नहीं है तो चोट लगने की संभावना बड जाती है । गुरु पाली चन्द्रा हमें ऐसे अनेकों व्यायामों से अवगत कराती है ताकि हम अपना नृत्य सुरक्षित अंदाज़ में कर सके । रियाज़ के खत्म होने के बाद भी व्यायाम करना अवश्यक है ताकि हमारा शरीर उसका तापमान और सांसों का चलन सम्भला रहे और आने वालि क्रियाओं के लिए हमारा मन और शरीर तैयार रहे । आराम और व्यायाम दोनों का संतुलन समझना अनिवार्य है ।
हस्तकों का व्याख्यान और प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक शिष्य और शिष्याओं के लिए पाठ 2
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल - एगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ
पड़हन्त पर प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक स्तर के लिए | Padhant - Performance
पुष्पक व्याख्यान समझ और पुष्पक हस्तक की महत्वपूर्णता । Pushpak Hastaks Hand movements
चक्कर : हस्तक का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ । Chakkars Demonstration with the Students Hastaks