तीन प्रकार के चक्कर | Three Different types of Chakkars
गुरु पाली चन्द्रा तीन विभिन्न प्रकार के चक्करों का प्रदर्शन कर रही है । हर चक्कर में हस्तक लेने का अन्दाज़ भी अलग अलग दिखाया गया है । चक्कर लेते समय पैरों का और शरीर का संतुलन बनाये रखना एक मुश्किल कला है । लेकिन अगर इसे खूबसूरती और सुन्दरता के साथ किया जाये तो ये देखने में और करने में बहुत रोमान्चक लगता है । गुरु अपने शिष्यों के साथ तीन विभिन्न प्रकार के चक्कर हमारे लिए इस पाठ्यक्रम में लेकर आयीं हैं ।
नाट्य क्रम: श्लोक और उसका अर्थ | Natya Kramaha: Shloka and Meaning | कथक के प्रारंभिक स्तर केलिए
अंग: कथक में खड़े होने का अन्दाज़
आलिंगन की आमद प्रदर्शन शिष्यों के साथ | Aalingan Ki Amad Demonstration with the Students
चौगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल | Chaugun Demonstration with the Students
गुरु वंदना व्याख्यान क्रम से (पाठ २) | कथक में गुरु वंदना श्लोक का विस्तृत विवरण |