हस्तक या हस्त संझालन : व्याख्यान और उसकी महत्वता कथक के प्रारंभिक पाठों के लिए ।
गुरु हमें कथक के मूल हत्सकों के बारे में बता रहीं हैं । जिस तरह कथक में तालों की एक अपनी भाषा होती है, उसी प्रकार हस्तकों की भी एक अपनी भाषा होती है । हर मुद्रा या हस्तक का एक मतलब होता है । उसका आकार होता है । और उसे करने की एक विधि होती है । हस्तकों की भाषा को समझने के लिए मानसिक और शारीरिक संतुलन होना अत्यन्त आवश्यक है । आईए गुरु पाली चन्द्रा से हस्तकों के बारे में और ञान प्राप्त करें ।
रंगमंच का टुकड़ा व्याख्यान क्रम से | Understanding Rangmanch Ka Tukra
परिभाषा और लिखने का अन्दाज़ - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल
कथक की अंदाज़ में शरीर का व्यायाम रियाज़ के पहले और रियाज़ के बाद । कथक प्रारंभिक पाठ्यक्रम गुरु पाली चन्द्रा द्वारा ।
सम प्रदर्शन कथक के प्रारंभिक पाठों के लिए
कथक का रियाज़ - तत्कार के शूरूवात के सात | तत्कार का इस्तमाल दिल के धड़कन को तेज़ करने के लिए।