आइए देखिए किस प्रकार गुरु पाली चन्द्रा हमें चक्कर लेने की विधि को संझा रही है । चक्कर लेते समय हमें अपने रीड़ की हड्डी का ख़ास ख़याल करना होता है । शरीर का वजन दोनों पैरों पर बराबरी से रखते हुए चक्कर लेने की विधि को समझना और उसे उतारना कथक के लिए आवश्यक है । कथक नृत्य में अनेकों चक्करों का इस्तेमाल होता है । इसलिए उसका अंग संचालन समझ कर करना आवश्यक है । चक्कर लेने का सही तरीका ।
गुरु पाली चन्द्रा का कहना है कि चक्कर लेते समय अपनी सिर, घड़ और पैरों, तीनों का संतुलन बनाये रखना अत्यन्त आवश्यक है । इस पाठ में उन्होंने तरह तरह से चक्कर को लेने कि विधियों को हम तक पहुँचाया है । प्रारंभिक स्तर में हर शिष्य या शिष्याओं को चक्कर लेने का सही तरीका समझना और फिर उसे अपने अंग संचालन द्वारा उतारना अत्यन्त अनिवार्य है । कथक में चक्करों का अनगिनत इस्तेमाल होता है । इसमें चोट ना लगने के लिए सही तरीका अपनाना ज़रूरी है । चक्कर हर कथक नृत्य के प्रदर्शन के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण ज़रूरत है ।
आमद व्याख्यान और प्रदर्शन | Amad Explanation and Demonstration
आमद व्याख्यान और प्रदर्शन संगीत के साथ | Amad Explanation and Demonstration with music
पलट हस्तक - व्याख्यान और महत्वपूर्णता कथक की प्रारंभिक पाठ्य क्रम के लिए।
हस्तक या हस्त संझालन : व्याख्यान और उसकी महत्वता कथक के प्रारंभिक पाठों के लिए ।
उत्पति हस्तक उसका व्याख्यान और उसकी महत्वपूर्णताकथक के प्रारंभिक पाठ्यों के लिए ।