कथक नमस्कार से शुरुवात का सही ढंग के बारे में गुरु पाली चन्द्रा
कथक नृत्य की शुरुवात नमस्कार से की जाती है । यही हमारी परंम्परा है । इस नमस्कार से हम अपने मन को अपने शरीर से जोडते है । और ये हम को अपने रसिक से जोडता है । अपनी कथा को सुनाने के लिए हर कथक को सुनने वाले दर्शक चाहिए होते है । उन दर्शकों को नमस्कार करते हुए अपनी नृत्य की साधना और प्रदर्शन आरंभ करना चाहिए । ये नमस्कार अनिवार्य है ।
हस्तक: हस्त सञ्चालन कथक के प्रारंभिक स्तर के लिए । व्याख्यान और प्रदर्शन एगुन में । | Hastaks Movement Vocabulary
हस्तक या हस्त संझालन : व्याख्यान और उसकी महत्वता कथक के प्रारंभिक पाठों के लिए ।
सम प्रदर्शन संगीत के साथ | Sums Demonstration with Music
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल - एगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ
आमद प्रदर्शन | Solo performance of Amad by Guru Pali Chandra