कथक का मार्ग दर्शन घुंघरुओं को सही तरीके से कैसे बांधे
घुंघरु एक कथक नृत्यक या नृत्यांगना का सबसे खूबसूरत आभूषण होते है । उनसे निकला हर स्वर बहुत महत्वपूर्ण होता है । हर कथक का ये एक सांस है । कहते है घुंघरु ईश्वर का वरदान है । जो नृत्यक को चोट से बचाता है । इसलिए इनकी ईजाद करना और आदर के साथ इनका इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है । गुरु पाली चन्द्रा घुंघरू की आवाज़ को एक कथा की अन्दरुनी आवाज़ के बराबर मानती है ।
गुरु वंदना प्रदर्शन व्याख्यान के साथ | कथक में गुरु वंदना श्लोक के महत्व को समझना|
कथक की अंदाज़ में शरीर का व्यायाम रियाज़ के पहले और रियाज़ के बाद । कथक प्रारंभिक पाठ्यक्रम गुरु पाली चन्द्रा द्वारा ।
नाट्य क्रम: श्लोक और उसका अर्थ | Natya Kramaha: Shloka and Meaning | कथक के प्रारंभिक स्तर केलिए
अंग: कथक में खड़े होने का अन्दाज़
चौगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल | Chaugun Demonstration with the Students