तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल का व्याख्यान ताली और खाली के साथ
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल का व्याख्यान ताली और खाली के साथ
गुरु पाली चन्द्रा हमें तीन ताल की विभिन्न बारीकियों से अवगत कराती है । ताल और लय हमारे नृत्य का आधार है । ताल के बदलने से या लय के बढ़ने या घटने से नृत्य पर इसका सीधा असर दिखाई देता है । ताल का आकार समझना आवश्यक है । इसलिए ताली और खाली के साथ गुरु पाली चन्द्रा ने हमें समझाया गया है । पैरों का काम तत्कार के रूप में भी दिखाया गया है ।
पड़हन्त का व्याख्यान और प्रदर्शन, संगीत के साथ, कथक के प्रारंभिक स्तर के लिए
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल - एगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ
दुगुन का प्रदर्शन शिष्याओं के साथ - तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल
तत्कार (पैरों का काम) - तीनताल का व्याख्यान ताली और खाली के साथ
कथक क्या है ? कथक में घरानों का क्या महत्व है और भारत में कथक का इतिहास तथा उसकी विधियाँ किस प्रकार हुई ?